बिहार बजट 2025-26: महिलाओं के लिए ‘महिला हाट’ और स्पेशल बस सेवा की गहन जानकारी
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान और सुरक्षा को लेकर ठोस पहल की है। यह न केवल महिलाओं को स्वावलंबी बनाने, बल्कि उन्हें सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षित माहौल देने का संकल्प दिखाता है। आइए, इन योजनाओं के हर पहलू को विस्तार से समझें:
1. महिला हाट योजना: गहराई से समझें
योजना की पृष्ठभूमि
बिहार में महिला कारीगरों और छोटे उद्यमियों को बाजार तक पहुंचने में अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बिचौलियों की वजह से मुनाफा कम होना, डिजिटल भुगतान की कम जानकारी, और स्थान का अभाव जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए ‘महिला हाट’ योजना शुरू की गई है।
योजना का ढांचा
- स्थान: प्रत्येक जिले में 5-10 महिला हाट बनाए जाएंगे। इनमें से 60% ग्रामीण और 40% शहरी क्षेत्रों में होंगे।
- स्टॉल का आकार: 10×10 फीट के स्टॉल, जिनमें बिजली, पानी, और शौचालय की सुविधा होगी।
- सब्सिडी: पहले वर्ष स्टॉल का किराया 50% सब्सिडी पर, दूसरे वर्ष 25% सब्सिडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता
- डिजिटल लेनदेन: महिलाओं को UPI, POS मशीन, और ऑनलाइन बिक्री के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- उत्पाद डिजाइनिंग: हस्तशिल्प, हथकरघा, और खाद्य उत्पादों की पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर विशेष वर्कशॉप।
- मार्केट लिंकेज: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart) से जोड़कर राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच।
विशेष प्रावधान
- प्राथमिकता: विधवा, दिव्यांग, और BPL श्रेणी की महिलाओं को स्टॉल आवंटन में प्राथमिकता।
- सुरक्षा: हाट क्षेत्रों में महिला सुरक्षा गार्ड और CCTV कैमरे लगाए जाएंगे।
2. स्पेशल बस सेवा: सुरक्षा के साथ सुविधा
बसों का नेटवर्क और संचालन
- रूट: पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, और दरभंगा जैसे शहरों के साथ-साथ ग्रामीण मार्गों (जैसे आरा-बक्सर, सीवान-छपरा) पर बसें चलेंगी।
- फ्रीक्वेंसी: प्रमुख शहरों में हर 30 मिनट पर बस, ग्रामीण इलाकों में 1-2 घंटे के अंतराल पर।
- समय सारिणी: सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक संचालन।
सुरक्षा उपाय
- पिंक पैनिक बटन: हर सीट के पास एक बटन, जिसे दबाने पर कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजा जाएगा।
- लाइव ट्रैकिंग: परिवार वाले बस की लोकेशन ऐप (बिहार ट्रांसपोर्ट) से ट्रैक कर सकेंगे।
- महिला स्टाफ: ड्राइवर, कंडक्टर, और मैकेनिक टीम में 50% पद महिलाओं के लिए आरक्षित।
अतिरिक्त सुविधाएं
- बेबी केयर जोन: बस में बच्चों के लिए डायपर बदलने की टेबल और फीडिंग एरिया।
- सस्ती टिकट कीमत: AC बस का किराया सामान्य बस से 10% कम रखा गया है।
3. आवेदन प्रक्रिया: चरणबद्ध जानकारी
महिला हाट के लिए
- रजिस्ट्रेशन:
- ऑनलाइन: बिहार उद्योग विभाग की वेबसाइट पर जाकर “महिला हाट” सेक्शन में फॉर्म भरें।
- ऑफलाइन: जिला उद्योग केंद्र से फॉर्म लेकर संलग्न दस्तावेजों के साथ जमा करें।
- सत्यापन: टीम द्वारा उत्पाद की गुणवत्ता और आवेदक की पात्रता की जांच।
- स्टॉल आवंटन: लॉटरी सिस्टम के माध्यम से स्टॉल का आवंटन।
स्पेशल बस सेवा के लिए
- टिकट बुकिंग:
- ऑफलाइन: बस स्टैंड या किराना दुकानों (टाई-अप वेंडर्स) से टिकट खरीदें।
- ऑनलाइन: “बिहार ट्रांसपोर्ट ऐप” या Paytm/PhonePe से बुक करें।
- मासिक पास: छात्राओं और नौकरीपेशा महिलाओं के लिए 30% छूट के साथ मासिक पास उपलब्ध।
4. पात्रता और जरूरी दस्तावेज
महिला हाट हेतु
- पात्रता:
- आयु 18-60 वर्ष।
- बिहार का मूल निवासी होना अनिवार्य।
- स्वयं या स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हों।
- दस्तावेज:
- आधार + राशन कार्ड।
- SHG सदस्यता प्रमाण (यदि लागू हो)।
- उत्पाद का नमूना और लागत विवरण।
स्पेशल बस सेवा हेतु
- लाभार्थी: 12 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियां और सभी आयु वर्ग की महिलाएं।
- साथ में बच्चे: 12 वर्ष तक के बच्चे (अधिकतम 2) माँ/अभिभावक के साथ यात्रा कर सकते हैं।
5. योजनाओं का बजट और वित्तीय प्रबंधन
- महिला हाट: 500 करोड़ रुपये आवंटित (इसमें बुनियादी ढांचा, सब्सिडी, और प्रशिक्षण शामिल)।
- स्पेशल बस सेवा: 300 करोड़ रुपये (बस खरीद, सुरक्षा सिस्टम, और ईंधन)।
- फंड स्रोत: केंद्र सरकार की नीति (निर्मल भारत अभियान) और राज्य कोष।
6. चुनौतियाँ और समाधान
- महिला हाट:
- चुनौती: बाजार में ग्राहकों की कमी।
- समाधान: स्थानीय मेलों और त्योहारों के दौरान प्रचार अभियान चलाना।
- बस सेवा:
- चुनौती: रात्रि सेवा की मांग।
- समाधान: महिला ड्राइवरों की संख्या बढ़ाकर समय सीमा को रात 11 बजे तक बढ़ाने की योजना।
7. संपर्क सूत्र और शिकायत निवारण
- हेल्पलाइन नंबर: XXXX (24×7 महिला हेल्पलाइन)।
- ऑनलाइन शिकायत: बिहार सरकार पोर्टल पर “महिला योजना” सेक्शन।
- व्हाट्सएप: 94XXXXXXXX पर “BUS<स्पेस>शिकायत” लिखकर भेजें।
निष्कर्ष: बदलाव की नई राह
बिहार सरकार की ये योजनाएँ नारी सशक्तिकरण को सिर्फ नारा नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं। अगर आप इनका हिस्सा बनना चाहती हैं, तो तैयारी शुरू कर दें। याद रखें – “जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तभी बिहार नई उड़ान भरेगा!”