भारत के गेमिंग दुनिया में तूफान मचा है। BGMI के मशहूर प्रो प्लेयर प्रिंस (मीत ब्रह्मभट्ट) पर एक 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ यौन दुराचार, उम्र छिपाने और आधार कार्ड फर्जीवाड़े जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए चैट्स और दावों ने इस मामले को हवा दे दी है। अब सवाल सिर्फ एक गेमर की प्रतिष्ठा का नहीं, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नाबालिगों की सुरक्षा और सेलिब्रिटी कल्चर की जवाबदेही का भी है।
आरोपों का धमाकेदार खुलासा
- “18 साल का हूँ” झूठ बोलकर फंसाया?
लड़की के मुताबिक, प्रिंस ने नवंबर 2023 में इंस्टाग्राम पर उसे फॉलो किया और अपनी उम्र 18 साल बताई। चैट्स के स्क्रीनशॉट्स में दावा है कि प्रिंस ने उसे होटल बुलाया और बिना सुरक्षा के शारीरिक संबंध बनाए, जिसके बाद लड़की को हेल्थ इश्यूज हुए। हैरानी की बात ये है कि प्रिंस की असल उम्र इस वक्त 22 साल बताई जा रही है। - आधार कार्ड में हेराफेरी का गंदा खेल
मामला और गंभीर तब हो गया जब पता चला कि प्रिंस ने लड़की के आधार कार्ड में जन्म तारीख बदलवाई। ये काम किसने करवाया और क्यों? इस सवाल पर अभी पर्दा पड़ा है, लेकिन भारत में आधार में छेड़छाड़ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और आईटी एक्ट के तह� जुर्म है। - मेडल ईस्पोर्ट्स ने काटा ताल्लुक
विवाद फैलते ही प्रिंस की ईस्पोर्ट्स टीम मेडल ईस्पोर्ट्स ने उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया। संस्था ने ट्वीट कर कहा, “हम ऐसे आरोपों को गंभीरता से लेते हैं। जब तक जांच पूरी नहीं होती, प्रिंस टीम का हिस्सा नहीं होंगे।”
गेमिंग कम्युनिटी में मचा हड़कंप
- फैंस का गुस्सा: प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर #BanPrinceBGMI ट्रेंड कर दिया है। कई यूजर्स लिख रहे हैं – “गेमिंग हीरो बनने से पहले इंसान बनो!”
- क्रिएटर्स की चिंता: टॉप गेमर्स ने लाइव स्ट्रीम्स में इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। POPULAR क्रिएटर रॉनी ने कहा, “अगर आरोप सच हैं, तो ऐसे लोगों को कम्युनिटी से बाहर होना चाहिए।”
- पेरेंट्स की टेंशन: ये केस उन अभिभावकों के लिए अलार्म बेल है जो गेमिंग को सिर्फ ‘टाइमपास’ समझते हैं।
कानून की नजर में क्या है सजा?
- POCSO एक्ट: 18 साल से कम उम्र के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर उम्रकैद तक की सजा।
- आधार फर्जीवाड़ा: 3 साल की जेल + 1 लाख रुपये जुर्माना।
- साइबर ठगी: IT Act की धारा 66D के तहत 3 साल तक की सजा।
वकीलों की राय: दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट रोहित शर्मा कहते हैं, “अगर चैट्स और मेडिकल रिपोर्ट्स सबूत के तौर पर काम करें, तो केस मजबूत होगा।”
अब क्या होगा आगे?
- पुलिस शिकायत: लड़की के परिवार ने अभी तक FIR दर्ज नहीं कराई है, लेकिन सोशल मीडिया पर दबाव बढ़ रहा है।
- स्पॉन्सर्स की बचाव-मोड: प्रिंस के ब्रांड डील्स पर भी खतरा मंडरा रहा है।
- गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी: BGMI जैसे गेम्स को अब ऐज वेरिफिकेशन सिस्टम मजबूत करना होगा।
सबक सभी के लिए…
ये केस सिर्फ गेमिंग कम्युनिटी तक सीमित नहीं। ये उस सिस्टम पर सवाल है जहां फेम के चक्कर में युवा सितारे जिम्मेदारी भूल जाते हैं। अब वक्त आ गया है:
- टीम्स अपने प्लेयर्स को एथिकल ट्रेनिंग दें।
- पेरेंट्स बच्चों की ऑनलाइन लाइफ पर नजर रखें।
- पीड़िता को न्याय मिले, चाहे आरोपी कितना भी बड़ा क्यों न हो।
फैक्ट चेक: प्रिंस ने अभी तक आरोपों का सीधा जवाब नहीं दिया है। उनका लेटेस्ट इंस्टाग्राम पोस्ट “सच सामने आएगा” लिखकर डिलीट कर दिया गया है।
— यह रिपोर्ट सोशल मीडिया एविदेंस और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आधिकारिक पुष्टि होने तक सभी पक्षों को निष्पक्ष माना जाए।
✍️ टिप्पणी करें: आपको क्या लगता है – क्या गेमिंग इंडस्ट्री को ऐसे केसों से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए?